Blog Directory logo  Blog Directory
           Submit a Blog
  •  Login
  • Register
  •            Submit a Blog
    Submit a Blog in Featured for only $10 with PaypalFeatured BlogsBlog Listing
    Member - { Blog Details }

    hero image

    blog address: https://patakare.in/upchar/cholesterol-kam-karne-ka-ramban-ilaaj/

    keywords:

    member since: Feb 22, 2022 | Viewed: 589

    लेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज (Cholesterol lowering remedy In hindi)

    Category: Health

    कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज (Cholesterol lowering remedy In hindi) कोलेस्ट्रोल क्या है? आजकल ज्यादातर लोग गलत खान-पान के कारण कई बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं इसमें एक बीमारी कोलेस्ट्रोल का बढ़ना भी है यह बीमारी ज्यादातर गलत खान-पान के कारण ही होता है क्योंकि ज्यादातर लोग आजकल तेल मसाला वाला खाना खाते हैं जिसके कारण कोलेस्ट्रोल के स्तर बढ़ने लगता है और इससे हृदय संबंधी रोग भी होना शुरू हो जाता है। कोलेस्ट्रोल को घटने के लिए लोग तुरंत ही डॉक्टर से जाकर दिखाते हैं और डॉक्टर कुछ मेडिसिन देते हैं लेकिन अगर व्यक्ति अपने दिनचर्या में बदलाव नहीं लाता है तो कितना भी मेडिसिन का सेवन क्यों न कर ले लेकिन कोलेस्ट्रोल जल्दी नहीं करता है। दोस्तों आज हम इस लेख में कोलेस्ट्रोल से जुड़ी जानकारी प्राप्त करेंगे। कोलेस्ट्रॉल एक वसा है, जो हमारे यकृत द्वारा निर्मित होता है। यह हमारे शरीर के संचालन के लिए जरूरी है। हमारे शरीर उपलब्ध कोशिका को जीवित रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रॉल एक मोमी पदार्थ है जिसे रक्त प्लाज्मा द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में ले जाया जाता है। कोलेस्ट्रोल के प्रकार निम्नलिखित है। ● कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन इसे खराब या कोलेस्ट्रॉल के रूप में भी जाना जाता है। कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा बढ़ता है। इस प्रकार का कोलेस्ट्रॉल धमनियों में रुकावट का मुख्य स्रोत होता है। इससे कई समस्याओं और बीमारियों का भी खतरा बढ सकता है। ● उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन : यह प्रकार शरीर से अन्य कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है, जिससे नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के जोखिम को कम किया जा सकता है। इस कारण से, ऊंचे घनत्व वाले लिपॉप्रोटीन को "अच्छा कोलेस्ट्रॉल" कहा जाता है। ● कुल कोलेस्ट्रॉल: यह रक्त में मौजूद कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को दर्शाता है। इसमें कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल दोनों शामिल होता हैं। ● ट्राइग्लिसराइड्स: यह एक प्रकार का वसा है जो रक्त में पाया जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर से महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। ● वेरी लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन या कम घनत्व वाला लिपॉप्रोटीन :यह एक खराब कोलेस्ट्रॉल है। यह (VLDL) के उच्च स्तर से धमनियों पर प्लाक बनाता है। ● नॉन-एचडीएल : यह बहुत कम घनत्व वाला कोलेस्ट्रॉल है। इसमें एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को छोड़कर अन्य सभी कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं। अच्छे कोलेस्ट्रॉल और खराब कोलेस्ट्रॉल ● अच्छे कोलेस्ट्रोल को उच्च घनत्व वाले लिपॉप्रोटीन के रूप में हम जानते हैं यह रक्त प्रवाह से कोलेस्ट्रोल को हटाता है कम घनत्व वाले लिपॉप्रोटीन खराब कोलेस्ट्रॉल होता है। ● अगर आप का कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर उच्च स्तर के कारण अधिक है तो आपको हृदय रोग या स्ट्रोक का खतरा हो सकता है । ● आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स एक अन्य प्रकार का वसा है। जब आप अपने शरीर से अधिक कैलोरी खाते हैं, तो यह अतिरिक्त कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है। ● अगर आप अपने जीवन शैली में आहार और व्यायाम करते हैं तो इससे आपके कोलेस्ट्रोल के स्तर में सुधार हो सकता है। ● कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर – 200 से कम सबसे अच्छा है, लेकिन यह आपके एचडीएल और एलडीएल स्तरों पर निर्भर करता है। ● एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर - 130 से कम सबसे अच्छा है, लेकिन यह हृदय रोग के आपके जोखिम पर निर्भर करता है। ● एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर - 60 या इससे अधिक होने से हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। ● ट्राइग्लिसराइड्स - 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) से कम सबसे अच्छा है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हम अक्सर देखते हैं कि अक्सर, उच्च कोलेस्ट्रॉल के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं। अगर आपको कभी उच्च कोलेस्ट्रॉल हो जाता है तो आपको पता नही हो पता है। यदि आपके पास उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो आपका शरीर आपकी धमनियों में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल जमा कर सकता है। ये रक्त वाहिकाएं हैं जो आपके दिल से आपके शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त ले जाती हैं। आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण प्लाक के रूप में जाना जाता है। समय के साथ, पट्टिका सख्त हो सकती है और आपकी धमनियों को संकीर्ण बना सकती है। पट्टिका की बड़ी जमा एक धमनी को पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकती है। कोलेस्ट्रॉल प्लेक भी टूट सकता है, जिससे रक्त का थक्का बन सकता है जो रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का क्या कारण होता है? आपका लीवर कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है, लेकिन आपको भोजन से भी कोलेस्ट्रॉल मिलता है। बहुत अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। अधिक वजन और निष्क्रिय रहना भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण होता है। यदि आपका अधिक वजन है तो आपके ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर होने की संभावना बढ सकती है। यदि आप कभी व्यायाम नहीं करते हैं और सामान्य रूप से सक्रिय नहीं हैं, तो यह आपके अच्छे कोलेस्ट्रॉलको कम कर सकता है। धूम्रपान भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है। यह आपके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का निदान कैसे किया जाता है? अगर आप उच्च कोलेस्ट्रॉल का पता लगाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने शरीर का चेकअप करवाना पड़ेगा। जिसके बाद आपके पास उच्च कोलेस्ट्रॉल है या नहीं इसका पता लगा सकते है । इसके लिए आपको अपने निजी डॉक्टर के पास जाकर सबसे पहले अपना ब्लड टेस्ट करवाना पड़ेगा उसके बाद आपका कोलेस्ट्रोल का पता चल पाएगा। आपको बता दें कि अगर आप 35 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों या महिला है तो आपको अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। 20 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं को हृदय रोग के जोखिम ज्यादा होता हैं, उन्हें अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। किशोरों को परीक्षण करने की आवश्यकता हो सकती है। यदि वो कोई दवाएं ले रहे हैं या उनका उच्च कोलेस्ट्रॉल का एक पारिवारिक इतिहास है। तो इसके लीए आपको अपने डॉक्टर से पुछना होगा कि आपको कितनी बार अपने कोलेस्ट्रॉल की जाँच करवानी चाहिए। हृदय रोग के जोखिम कारकों में ये सभी शामिल हैं: ● धूम्रपान करना। ● उच्च रक्त चाप। ● अधिक उम्र। ● परिवार के किसी ऐसे सदस्य (माता-पिता या भाई-बहन) का होना, जिन्हें हृदय रोग पहले से हुआ हो। ● अधिक वजन या मोटापा का होना। क्या उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोका जा सकता है? इसके लीए कम वसा वाले खाद्य पदार्थ खाएं -जैसे रेड मीट और अधिकांश डेयरी उत्पाद स्वस्थ वसा चुनें। इसमें लीन मीट, एवोकाडो, नट्स और लो-फैट डेयरी आइटम ये सभी शामिल हैं। उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें ट्रांस वसा होता है -जैसे तला हुआ खाद्य पदार्थ। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर हों। इन खाद्य पदार्थों में सैल्मन, हेरिंग, अखरोट और बादाम शामिल हैं। कुछ अंडे मे ब्रांड में भी ओमेगा -3 पाया जाता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का उपचार कैसे करे यदि आपके पास उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो आपको अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ दें। नियमित रूप से व्यायाम करें। यदि आपका अधिक वजन हैं, तो केवल पांच से 10 पाउंड वजन खोने से आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय रोग में सुधार हो सकता है। इसके लीए आपको खूब सारे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और मछली खाना जरूरी है। अगर इससे सही नहीं होता है तो आपको अपने निजी डॉक्टर से जाकर चेकअप करवा कर मेडिसिन लेना चाहिए। उच्च कोलेस्ट्रॉल यदि आपके पास उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो आपको हृदय रोग विकसित होने की संभावना दोगुनी हो सकता है। इसलिए आपके लीए अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाना जरूरी है, खासकर यदि आपके परिवार मे ये बिमारी हमेशा से चली आ रही है। अपने "खराब कोलेस्ट्रॉल" को अच्छे आहार, व्यायाम और दवा के जरीऐ कम करने से आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने के निम्नलिखित घरेलू उपाय हैं लहसुन का सेवन लहसुन आमतौर पर भारतीय खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है, आपको बता दे की लहसुन अपने स्वास्थ्य वर्धक गुणों के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। ये बहुत कम लोग जानते है कि लहसुन अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज और ऑर्गनोसल्फर यौगिकों जैसे एलिसिन, एज़ोइन, एस-एलिलसिस्टीन, एस-एथिलसिस्टीन और डायलिलसल्फ़ाइड से बना होता है। इन सल्फर यौगिकों को सक्रिय तत्व कहा जाता है जो लहसुन को इसके चिकित्सीय गुण प्रदान करते हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। अच्छे कोलेस्ट्रॉल पर इसके प्रभाव के प्रमाण काफी मिले-जुले हैं, जबकि एक अध्ययन में एचडीएल के स्तर में वृद्धि की सूचना दी गई थी।जबकि दूसरे ने कोई प्रभाव नहीं दिखाया। इसका रक्तचाप और रक्त की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव भी पाया गया था ।आपको बता दें कि अगर आप रोजाना 1/2 से 1 लहसुन की कली का सेवन करते हैं तो इससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल 9% तक कम हो सकता है। ग्रीन-टी ग्रीन टी मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है आपको बता दें कि ये यौगिक मानव शरीर को अत्यधिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता हैं। ग्रीन टी में पॉलीफेनोल्स की उच्चतम सांद्रता होती है जो न केवल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती है बल्कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि ग्रीन टी पीने वाले पुरुषों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था, उन लोगों से जो लोग ग्रीन टी नहीं पीते थे। डॉक्टरों के अनुसार ऐसा बताया गया है कि चाय के पॉलीफेनोल्स आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है और इससे छुटकारा पाने में भी मदद करता है। इसीलिए सभी व्यक्ति को दिन में दो बार ग्रीन टी पीना चाहिए इससे उनका शरीर स्वस्थ रह सकता है। नारियल तेल नारियल का तेल तो सभी के घरों में उपलब्ध होता है लेकिन लोग यह नहीं जानते हैं कि नारियल के तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि नारियल का तेल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्योंकि इसने लोरिक एसिड की मात्रा अधिक पाई जाती है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाने में मदद कर सकता है इतना ही नहीं कोकोनट तेल लिपिड प्रोफाइल को भी ठीक करने में काफी सहायता प्रदान करता है इसीलिए कहा जाता है कि नारियल तेल कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित करने में काफी मदद करता है। संतरे का रस संतरा दो बाजार में आजकल सभी मौसम में मिलना शुरू हो गया है यहां तक कि संतरे का रस और संतरे का जूस बाजार में भी उपलब्ध है। थथथथथ कुछ लोग संतरे का जूस यह संतरे खाना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि इससे ज्यादातर सर्दी जुकाम भी हो जाता है लेकिन आपको बता दें कि कोलेस्ट्रोल के इलाज के लिए संतरे का दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। दरअसल संतरे में मौजूद विटामिन-सी और फोलेट की वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इनके साथ ही संतरे का रस हाइपोलिपिडेमिक गुणों से भी संपन्न होता है। संतरे में पाए जाने वाले ये गुण और फ्लेवोनोइड यौगिक रक्त में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए कोलेस्ट्रोल से बचने के लिए संतरे का जूस सबसे अच्छा विकल्प माना जा सकता है। धनिया पाउडर धनिया पाउडर का उपयोग तो सबके घरों में सब्जी में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।धनिया पाउडर खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत का भी ख्याल रख सकता है। धनिया के अर्क का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिल सकती है। धनिया में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक, हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण इस काम में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह कोलेस्ट्रॉल की समस्या को नियंत्रित करने का कारगर उपाय साबित हो सकता है। मछली का तेल का सेवन बहुत ऐसे लोग हैं जो मछली का सेवन करते हैं लेकिन बहुत कम लोग ऐसे भी हैं जो मछली का सेवन नहीं करते हैं लेकिन मछली का सेवन सभी लोगों को करना चाहिए क्योंकि मछली हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। जानकारी के लीऐ आपको बता दें कि मछली के तेल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह त्वचा से लेकर बालों तक के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मछली का तेल भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। मछली के तेल का उपयोग खाना पकाने के लिए किया जा सकता है। वहीं कुछ लोगों को इसका स्वाद पसंद नही आता है । इसलिए बाजार में मिलने वाले इसके कैप्सूल का भी सेवन किया जा सकता है। अगर आप मछली के तेल के कैप्सूल का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा अगर डॉक्टर इस टैबलेट को खाने के लिए कहते हैं तो ही आप इस टेबलेट का सेवन कर सकते हैं। अनार का जुस आजकल लोग अपनी फास्ट को सही रखने के लिए अनार का सेवन करते हैं अनार और अनार का रस कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकता है। इसमें पॉलीफेनोलिक टैनिन और एंथोसायनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ये अच्छे cholesterol के स्तर को बढ़ाने और हानिकारक यानी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। दही का सेवन दही का सेवन तो बहुत से लोग ऐसे भी करते हैं लेकिन दही के फायदे बहुत ही कम लोग जानते हैं जानकारी के लिए आपको बता दें कि दही में लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस और बिफीडोबैक्टीरियम लैक्टिस के घटक होते हैं। इन दोनों घटकों को रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है इसलिए दही का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल के इलाज में भी किया जा सकता है। इसीलिए जो लोग इस बीमारी से परेशान हैं उसी दिन में एक या दो कटोरी दही खाना जरूरी है। ओट्स का सेवन और हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है कुछ लोग तो और नाश्ते में दूध के साथ खाते हैं यहां तक कि बच्चों को भी वोट दिया जाता है। आपको बता दें कि ओट्स कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ओट्स का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। ओट्स में बीटा-ग्लुकन नामक एक घटक होता है। प्रतिदिन कम से कम 3 ग्राम बीटा-ग्लूकन का सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। इसके अलावा, यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा देने में भी फायदेमंद माना जाता है। सेब का सेवन सेव का सेवन तो वैसे भी लोग अपने स्वास्थ्य को सही रखने के लिए करते हैं।आपको बता दें कि कोलेस्ट्रॉल दूर करने के लिए सेब के सिरके या सेव सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि सेब के सिरके में एसिटिक एसिड होता है, जो बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को सामान्य करने में मदद कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इसे आहार में शामिल करते हैं, वे हृदय रोग की समस्या कम कर सकते हैं। इस आधार पर सेब के सिरके को भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है। सेब के सिरके के फायदे तभी आपके शरीर में हो सकते हैं जब सिरके के रस को आ पानी में मिलाकर खाने से घंटे पहले पीते हैं इसके अलावा आप सेब के सिरके को सलाद के साथ मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं अगर आप ऐसा करते हैं तो सेब के सिरके आपकी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। प्याज का सेवन प्याज का उपयोग तो सभी के घरों में सब्जियों में किया जाता है यहां तक कि लोग कच्चा प्याज भी सलाद में डाल कर खाते हैं क्योंकि प्यार से इन चीजों का स्वाद अधिक बढ़ जाता है इतना ही नहीं प्याज का उपयोग कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए भी किया जा सकता है। लाल रंग के प्याज को कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा सूखे प्याज में हाइपोलिपिडेमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता हैं। आंवले का सेवन आंवला का पेड़ तो आजकल सभी के दरवाजे पर रहता है यहां तक कि आंवला तो बाजारों में भी मिलता है आवंला हमारे स्वास्थ्य से लेकर हमारे बालों तक के लिए फायदेमंद होता है आपको बता दें कि आंवले का सेवन कई बीमारियों को नियंत्रित करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आंवला में भरपूर विटामिन-सी के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा आंवले के जूस में हाइपोलिपिडेमिक गुण भी होते है। आंवला के ये सभी गुण खराब कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। साथ ही, ये गुण अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए लोगों को आंवला के जूस का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। Conclusion हेलो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको मेरे द्वारा दिए गए कोलेस्ट्रोल के बारे में जो जानकारी ऊपर दिया गया है वह आपको सही लगेगा इस लेख में हम आपको बताऐ है। कोलेस्ट्रोल क्या है? कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए किस चीज का सेवन करना चाहिए? कोलेस्ट्रोल के लक्षण क्या है? इन सब चीजों की जानकारी दी गई है तो दोस्तों अगर आपको यह लेख पसंद आता है तो आप इस लेख को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करिएगा क्योंकि ज्यादातर लोगो को कोलेस्ट्रोल जैसी बीमार रहती है अगर वह यह लेख पढ़ेंगे तो उन्हें काफी सहायता भी मिल सकती है।



    { More Related Blogs }
    © 2025, Blog Directory
     | 
    Google Pagerank: 
    PRchecker.info
     | 
    Support
     The Signs of Osteoarthritis

    Health

    The Signs of Osteoarthritis...


    Oct 27, 2023
    About The Peterson Wellness Group Alternative Medicine in Asia, China ,Jakarta

    Health

    About The Peterson Wellness Gr...


    Mar 17, 2016
    Biolabs Blog

    Health

    Biolabs Blog...


    Jul 30, 2015
    Dentist in Singapore - Kent Dental Works

    Health

    Dentist in Singapore - Kent De...


    Jan 10, 2022
    Smile Dental | Dental Clinic in Banjara hills - Kompally - Hyderabad

    Health

    Smile Dental | Dental Clinic i...


    Sep 6, 2022
    Best robotic knee replacement doctor in india | Dr. Anoop Jhurani?

    Health

    Best robotic knee replacement ...


    Nov 21, 2022