Blog Directory logo  Blog Directory
  •  Login
  • Register
  •            Submit a Blog
    Submit a Blog in Featured for only $10 with PaypalFeatured BlogsBlog Listing
    Member - { Blog Details }

    hero image

    blog address: https://www.omsangeet.com/2021/06/blog-post_18.html

    keywords: तालबद्ध तानें ,raag basant ka taan,raag basant taan,taan

    member since: Aug 17, 2021 | Viewed: 1714

    राग बसंत का तान || RAAG BASANT KA TAAN || TAAN ||

    Category: Education

    तालबद्ध तानें भरतमुनि कृत नाट्यशास्त्र में तान की व्युतपत्ति इस प्रकार बताई गई है तनोति विस्तार धञि तान इति स्मृतः। रागा यैस्तन्यते प्रायः स्वरास्तें तानका मताः।। " अर्थात तान शब्द संस्कृत के तन धातु में धञि प्रत्यय लगने से निष्पन्न होता है जिसका अर्थ है - तानना या विस्तार करना। जिन स्वरों के द्वारा राग विस्तार किया गया है , उन्हें तान कहते हैं। तानों के ऐतिहासिक क्रम सर्वप्रथम नारदीय शिक्षा में तान शब्द का उल्लेख मिलता है। नारदीय शिक्षा के चौथे श्लोक से ज्ञात होता है कि सप्त स्वर 3 ग्राम तथा 49 तान की परम्परा उस समय भी थी। न्यायदेव के अनुसार ,देवों की आराधना (यज्ञ ) के लिए तानेंकही है , जो पुण्य के उत्पादन हेतु है। तानों की आवश्यकता तान से गीत का विस्तार होता है साथ ही वैचित्र्य की सृष्टि होती है। मात्रा एक प्रकार की तान से इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती। अतः उद्देश्य पूर्ति हेतु अनेक प्रकार की तानो का होना आवश्यक होता है। किसी राग में लगने वाले स्वर को ध्यान में रखते हुए , अनेक ताने बनाकर तान रूप आभूषण से राग को विभूषित किया जाता है। विणा से तान की क्रिया दो प्रकार से होती है - प्रवेश या निग्रह। प्रवेश में ध्वनि की एकता अथवा स्वर साम्यता और निग्रह में स्पर्शहीनता अथवा मुक्त वादन होता है। तानों के प्रकार संगीत रत्नाकर के अनुसार , तानो के प्रकारों का वर्णन निम्न्लिखित है सपाट तान- इसमें सीधे -सीधे एक -एक स्वर को बढ़ाते हैं और आरोह के बाद अवरोह करते हैं। फिरत की तान - इसमें स्वरों के आरोही - अवरोही दोनों कर्म रहते हैं। बढ़त की तान - कुछ लोग फिरत की तान से इस तान का सम्बन्ध जोड़ते हैं , इसमें एक -एक स्वर की बढ़त मध्य सप्तक के स से षु शुरू करके तार व मंद्र स्थान दोनों की ओर की जाती है। रागांग तान - यह तान तार सप्तक से प्रारम्भ होकर , मध्य सप्तक की ओर आती है , इसे अंतरे की तान भी कहते हैं। आलंकारिक तान - इन तानों का निर्माण अलंकारों का आश्रय लेकर किया जाता है। जिस तान में कई अलंकारों का प्रयोग होता है , उसे आलंकारिक या मिश्र तान भी कहते हैं। गमक तान - इनमें स्वरों का उच्चारण गमक के साथ होता है। जबड़े की तान - इसमें स्वरों का उच्चारण जबड़ा हिलाकर किया जाता है। हलक की तान - इसमें स्वरों के उच्चारण में तालु का पिछला हिस्सा अधिक प्रयुक्त होता है। अर्थात जीभ को क्रमानुसार भीतर बाहर चलाते हुए गाते हैं। यह तान गमक से कम जोरदार होता है। मिंड की तान - इसमें मिंड से स्वर लंघन होता है ; जैसे - सा म ग प म ध प नि। छूट की तान - इस तान में गायक या वादक किसी प्रकार की आलंकारिक अथवा सपाट तान का आरोह करते - करते तार सप्तक में जब राग के वादी - संवादी स्वर पर पहुंचकर एक - दम वही स्वर मध्य सप्तक में पकड़कर तान के मध्य सप्तक में कहता है , तो यह छूट की तान होती है। बोल तान - जब गीत के बोलों को कहते हुए राग का विस्तार करते हैं , तो उसे बोल तान कहते हैं। बोल -बाँट की तान झटके की तान - इसमें बोल तान के साथ - साथ बंदिश की लय तथा स्वरों के सहारे से बाँट भी लिए जाते हैं। अर्थात दूनी चाल में अचानक चौगुन की जाने लगे। वक्र तान - इस प्रकार की ताने वक्र आलंकारिक गति से चलती है - ग रे , म ग , प म ध प , नि ध सां खटके की तान - स्वरों पर धक्का - सा लगाते हुए जो तान लेते हैं ,वह खटके की तान कहलाती है। कूट तान - इसमें के फेर - बदल अर्थात टेढ़े - मेढ़ेपन से विभिन्न स्वर समूहों की रचना होती है ;जैसे - सा रे ग रे ध प म प रे ग म प ध प म प ध सां। अचरक तान - जिस तान में प्रत्येक दो स्वर एक से बोले जाएँ ;जैसे - सासा ,रेरे ,गग ,मम ,पप ,धध। इसे अचरक की तान कहते हैं। सरोक तान - जिस तान में चार -चार स्वर एक साथ सिलसिलेवार कहे जाएँ ;जैसे - सारेगम ,रे ग म प ,गम प ध ,म प ध नि आदि। लड़न्त की तान जिस तान में सीधी - आडी कई प्रकार की लय मिली हुई हो उसे लडन्त की तान कहते हैं। लडन्त की तानों में गायक और वादक की लडन्त बड़ी मजेदार होती है। सपाट तान - जिस तान में क्रमानुसार स्वर तेजी के साथ जाते हो , उसे सपाट तान कहते हैं। गिटकारी की तान - दो स्वरों को एक साथ ,शीघ्रता से एक के पीछे दूसरा लगते हुए यह तान ली जाती है।



    { More Related Blogs }
    © 2025, Blog Directory
     | 
    Google Pagerank: 
    PRchecker.info
     | 
    Support
               Submit a Blog
    Research Programs 2025: PhD, DBA & Honorary Degrees

    Education

    Research Programs 2025: PhD, D...


    Dec 16, 2025
    Digital marketing training Institute in Hyderabad

    Education

    Digital marketing training Ins...


    Mar 9, 2025
    Courses with 100% Job Placement in Amritsar

    Education

    Courses with 100% Job Placemen...


    Jul 26, 2024
    How Digital Games Have Changed The Educational Environment For Children

    Education

    How Digital Games Have Changed...


    Mar 31, 2023
    SSC Coaching in Chandigarh

    Education

    SSC Coaching in Chandigarh...


    May 20, 2015
    Test bank Solutions Manual - Test Bank for Sale

    Education

    Test bank Solutions Manual - T...


    Mar 31, 2016